अमीरी की परिभाषा यह भी हो सकती है.
"ए" की लिविंग कास्ट 50 हजार है. इसे कमाने के लिए वह रोज 12 घंटे काम करता है. उसकी आय हुई प्रति घंटा 50000 रुपए \ (12 घंटे x30 दिन) = 138.88 रुपए.
"ए" के पास समय नहीं बचता अपने लिए, परिवार के लिए. पेंटिंग करने के लिए, गिटार सीखने के लिए. घूमने जाने के लिए. जीवन जीने के लिए.
"बी" की लिविंग कास्ट 25 हजार है. इसे कमाने के लिए वह रोज 4 घंटे काम करता है. उसकी आय हुई प्रति घंटा 25000 रुपए \(4 घंटे x30 दिन)=208.33 रुपए.
"बी" के पास 4 घंटे काम करने के बाद समय ही समय है. अपने लिए, परिवार के लिए. पेंटिंग करने के लिए, गिटार सीखने के लिए. घूमने जाने के लिए. जीवन जीने के लिए.
"बी" समय से अमीर है. नया अमीर है.
अमीरी की परिभाषा यह भी हो सकती है.
Ask these three hard but vital questions daily to yourself?
Question 1: What I will do if I have less time?
Question 2: What I will leave to my family, to this world?
Question 3: What will be your one last talk with yourself?
Answers will give you clarity in life.
अधिकांश लोगों को लगता है कि उनका CIBIL स्कोर औसत से ज्यादा है तो चिंता की कोई बात नहीं है। यदि आप लोन लेंगे तो उसे चुकाने के लिए ज्यादा मेहनत करेंगे और ऐसे में आपकी तरक्की होगी।
फिर, जब क्रेडिट कार्ड, फाइनेंस की दुनिया में कोई व्यक्ति कर्ज मुक्त है। वह बहुत कम खर्च में रहता है, तो उसे किसी और दुनिया का प्राणी माना जाता है।
कर्ज मुक्त रहना एक अलग ही सुखद अहसास है। आप आजादी महसूस करते हैं। कर्ज मुक्त रहने वालों की आदतें कुछ ख़ास होती हैं। कोई भी इन्हें अपनाकर कर्ज मुक्त ‘न्यू रिच लाइफस्टाइल’ जीवन जी सकता है। आइयें ऐसी आदतों के बारे में जानते हैं।
वे तुलना नहीं करते
वे धैर्य रखते हैं
वे नहीं बोलने से डरते नहीं हैं
वे बजट बनाते हैं
वे मीनिंगफुल लाइफ जीते हैं
वे लक्ष्य बनाकर बचत करते हैं
वे शो-ऑफ नहीं करते
वे सबसे पहले स्वयं को पे करते हैं
वे सामान इकट्ठा नहीं करते
वे स्वयं पर नियंत्रण रखते हैं
अक्टूबर 2019 में होम लोन क्लोज कर मैं कर्ज मुक्त हो गया था। यह अमेजिंग फीलिंग थी। शब्दों में बयां नहीं कर सकता। करीब 7 साल तक कर्ज मुक्त होने के लिए फोकस्ड रहा। यह आसान नहीं था। परिवार के सभी सदस्यों ने इसके लिए त्याग किया। हमने खुश होकर एक-दूसरे का साथ दिया। हमने बहुत सारा धैर्य रखा और थोड़ी सी क्रिएटिविटी की।
सामान्यतः माना जाता है की कंजूसी करके ही कर्ज मुक्त हुआ जा सकता है, लेकिन, यह कम खर्च करने से कहीं ज्यादा है। यह कंटेंटफुल लाइफ जीना और क्रिएटिविटी है।
कर्ज के पीछे की कहानी
2010 में मैंने होम लोन लिया और इसके कुछ दिनों बाद ही जमा-जमाया काम छोड़ना पड़ा। बिना सोचे-समझे निर्णय लेने का परिणाम कई बार बुरा होता है। काम से मन भर गया था तो अगले दो-तीन साल फ्रीलांसिंग की । कभी पैसे आते-कभी नहीं आते। जमा पैसे धीरे-धीरे ख़त्म होने लगे।
2015 में जब फुलटाइम जब शुरू किया तो होम लोन ख़त्म करने का निर्णय लिया। एक दूसरे शहर में जॉब के दौरान परिवार ने बैचलर लाइफस्टाइल (बहुत कम सामान) एन्जॉय करने का फैसला लिया। भारतीय संस्कृति का प्रमुख आदर्श मितव्ययता की सीख बहुत काम आई।
जो मैंने किया जरूरी नहीं आप भी करें। हर व्यक्ति की परिस्थिति अलग होती है। मेरा अनुभव थोड़ा-बहुत आपके काम आ सकता है। थोड़ा सा भी काम आ जाये और थोड़े से भी प्रेरित हो सकें, इसी भावना से मैं यहाँ कुछ जरूरी बातें साझा कर रहा हूँ।
क्रेडिट कार्ड कैंसिल कर दें
मंथली बजट बनायें
गैर-जरूरी खर्च बंद कर दें
जोश में आकर ख़रीददारी नहीं करें
ईएमआई सबसे पहले जमा करें
ईएमआई से ज्यादा राशि जमा करें
सभी बिल समय पर जमा करें
गैर जरूरी सामान बेंच दें
इमरजेंसी फंड बनायें
आय बढ़ाएं
और ज्यादा आय बढ़ाएं
अब आगे क्या
अब मैं कर्ज मुक्त हूँ। अब आगे कोई लोन नहीं लेना है। मेरी योजना जॉब में कंट्रीब्यूशन बढ़ाना और नई योग्यता हासिल करना हैं। मैं मितव्ययता से रहना जारी रखूँगा और निवेश कर फण्ड बढ़ाना है। देखते हैं आगे क्या होता है।
कर्ज बहुत खतरनाक होता है। कुछ ही लोग इसे चुका पाते हैं। बहुत सारे लोग इसे चुकाने के लिए लम्बे समय तक मजबूरी में काम करते हैं। और जब कर्ज चुकता है, बहुत ज्यादा राशि ब्याज के रूप में दे चुके होते हैं।