शायद आपको नहीं पता है…?
शायद आपको नहीं पता है…?
बहुत सिंपल है। असरदार है। बस कुछ कहना है,... रूकना है। पूछना है। सही समय पर सही शब्दों का प्रयोग करना है, जैसे:
रूकें,...जल्दी नहीं बोलना है। बीच-बीच में कुछ सेकंड के लिए रूकना है। इसके लिए 1 से 5 तक गिनती मन में गिन सकते हैं। बिना कुछ कहे बेहतर कहा जा सकता है।
हर बार जरूरी नहीं है तुरंत जवाब दें। “मैं सोच कर कल बताता हूँ।” एक दिन रूकें। अपने इमोशन पर कंट्रोल करें और जवाब देने के लिए रुके जब तक रूक सकते हैं।
ज्यादा से ज्यादा पूछने की आदत बनाएं। चर्चा करें और बातों को फोकस्ड रखें। पूछें, “थोड़ा और बताएं ?” अतिरिक्त जानकारी लें। इससे बातचीत में आपका इंटरेस्ट बना रहता है। सामने वाले को और बोलने का मौका मिलता है।
तुम्हें/आपको शायद नहीं पता है कि तुम इस काम में बहुत अच्छे हो। तुम्हें/आपको शायद नहीं पता है कि लोग तुम/आप पर कितना भरोसा करते हैं।
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