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Ramkrishna Sameriya

आप किस कैटेगरी में आते हैं?

तीन तरह के लोग होते हैं.


एक पैसों से अमीर लेकिन समय से गरीब . ऐसे लोग सुबह से देर रात तक काम करते हैं. इनके पास सबकुछ होता है. बड़ा घर, बड़ी गाड़ी, बैंक बैलेंस. सब कुछ. पर ये लोग जीवन का आनंद नहीं उठाते. इनके पास परिवार के लिए समय नहीं होता. घूमने नहीं जाते इस डर से की इनके पीछे काम का क्या होगा.


इन्हें जीवन के अंतिम समय में गम होता है कि परिवार के साथ कुछ ज्यादा समय बिताता. काश मैंने ये काम कर लिया होता, वो काम कर लेता. दुखी मन से विदा होते हैं.


दूसरे पैसों से गरीब और समय से भी गरीब. ये सबसे ज्यादा परेशान होते हैं. क्योंकि इनके पास पैसा नहीं होता और समय भी नहीं. दो वक्त के लिए दिन-रात काम करते हैं. यदि नौकरी कर रहे हैं तो बॉस की डाट और डर कि नौकरी चली गई तो क्या होगा. दुखी और परेशान. बिज़नस है तो कहने को अपना काम, लेकिन 24 घंटे की मजदूरी और संघर्ष. पूरे समय सोचते रहते हैं कि आगे क्या होगा?


ये बहुत भारी मन से विदा होते हैं और मरने के बाद भी आत्मा को शांति नहीं मिलती. 90 परसेंट लोगों की यह कड़वी सच्चाई है.


तीसरे पैसों से अमीर और समय से भी अमीर. इनके पास पैसे भी होते हैं और समय भी. ये अपने लिए अमीरी की एक परिभाषा तय करते हैं. पैसों के लिए पागल नहीं होते. कम कमाते हैं लेकिन सोच समझकर खर्च करते हैं और भविष्य के लिए बचा भी लेते हैं. परिवार को क्वालिटी समय देते हैं. दूसरों की मदद करते हैं. यात्रा करते हैं. कोई कला सीखते हैं. समय को अपनी इच्छानुसार खर्च करते हैं?


इनमें से कुछ लोगों के पास दुनिया का 90 प्रतिशत धन होता है. दूसरे लोग और पैसा इनके लिए काम करता है. इनका अधिकांश काम ऑटो सिस्टम पर होता है. ये सिर्फ पैसों के लिए काम नहीं करते. लेगेसी क्रिएट करते हैं. दुनिया में बड़े बदलाव लाते हैं.


इन्हें जीवन के अंतिम समय में कोई गम नहीं होता है. पूरी तरह से संतुष्ट होते हैं.


आप किस कैटेगरी में आते हैं?

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