चुप रहना बेहतरRamkrishna Sameriya1 min readकभी जब नहीं बोलना है, चुप ही रहना चाहिए। लेकिन, तभी बोले बिना नहीं रहा जाता। बोल देते हैं और फिर बात बढ़ जाती है। चुप रहकर, खुद हर्ट फील करके बात बढ़ने से रुक सकती है तो, चुप रहना रहना ही बेहतर है।
कभी जब नहीं बोलना है, चुप ही रहना चाहिए। लेकिन, तभी बोले बिना नहीं रहा जाता। बोल देते हैं और फिर बात बढ़ जाती है। चुप रहकर, खुद हर्ट फील करके बात बढ़ने से रुक सकती है तो, चुप रहना रहना ही बेहतर है।
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